राष्ट्रीय महिला आयेाग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजनीति में महिलाओं की कम भागीदारी पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि पार्टी क्रिमिनल को टिकट दे सकती हैं लेकिन महिलाओं को टिकट देने से पहले उसे सोचना पड़ता है.
निर्णय लेने वाले निकायों में महिलाओं की उपस्थिति पर बल देते हुए राष्ट्रीय महिला आयेाग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दल उन्हें केवल तभी टिकट देते हैं जब उनका पुरुष नेता से ‘संपर्क’ हो. उन्होंने यहां मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित एक वेबिनार में डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को निर्णय लेने वाले निकायों, संसद और विधानमंडलों में होना चाहिए.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंत्रालयों में महिला संख्या पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘हां, ऐसी महिलाएं हैं जो अच्छे मंत्रालयों मे हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है.’
चुनाव टिकट आवंटन पर महिलाओं की अनदेखी पर उठाया सवाल
शर्मा ने चुनाव टिकट बंटवारे में राजनितिक दलों द्वारा महिलाओं पर भरोसा न करने पर भी दुःख जताया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे चुनाव हार जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘वे ऐसे व्यक्ति को टिकट दे सकते हैं जिनकी समाज में अच्छी छवि नहीं है, ऐसा व्यक्ति जिसके खिलाफ आरोप हैं, लेकिन वे (राजनीतिक दल) महिला को टिकट नहीं देंगे.’
शर्मा ने कहा कि अगर कोई महिला टिकट पा जाती है तो भी उसका राजनीति में मौजूद किसी व्यक्ति से संपर्क जरूरी होता है जिससे चेहरा तो उसका हो लेकिन उसकी ओर से काम कोई अन्य करे.